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भावनाओं को लेकर अक्सर हमारा यही मानना रहा है कि यह सब मन के ख्याल हैं यानी निरर्थक और कुछ नहीं। लेकिन हाल ही में हुए अध्ययन के मुताबिक भावनाएं आपको उन चीजों को करने के लिए प्रेरित करती हैं, जो आपको स्वस्थ्य और सुरक्षित रखती हैं।
रोजाना के रूटीन के बीच में एक दिन का आराम मिलने से शरीर रीफ्रेश हो जाता है. इससे रोजाना के कामों की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है, मूड अच्छा बना रहता है, तनाव कम हो जाता है, और साथ ही ब्लड प्रेशर भी मेंटेन रहता है. इसलिए थकान उतारने और अपने माइंड को रिफ्रेश करने के लिए हफ्ते में एक दिन का रेस्ट डे बहुत जरूरी है
मेडिटेशन या ध्यान मुद्रा, दिमाग को स्वस्थ रखने और ध्यान केंद्रित करने में सबसे सहायक योगाभ्यासों में से एक है। काम के दबाव और कई सामाजिक कारणों के चलते हाल के वर्षों में लोगों में कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के मामले बढ़े हैं। इस तरह की दिक्कतों से बचे रहने के लिए लोगों को मेडिटेशन बहुत जरूरी है।
आप जीवन जीने का तभी आनन्द ले सकते है जब आप पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए हमें प्रतिदिन योग करना चाहिए और एक निश्चित मात्रा में सही भोजन करना चाहिए। जंक फूड्स का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। स्वस्थ्य रखने के लिए हमें अपने खाने-पीने की चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आप स्वस्थ्य है तो जग स्वस्थ्य होगा।
यह एक तरह का आध्यात्मिक पुल है जो हमें सीधे परमात्मा से जोड़ता है। परमात्मा जो सभी चीजों का केंद्र है, जो सभी चीजों में और उसके माध्यम से जीवित है। रोज की एक प्रार्थना हमें प्रेम, स्नेह, जीवन, शांति, शक्ति, सुंदरता और आनंद के भावों का अहसास कराती है। ध्यान शरीर के लिए आध्यात्मिक दवा की तरह काम करता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तन-मन (Mind Body in Hindi) दोनों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। मन-शरीर एक ऐसा मंच है, जो मानसिक स्थिति (Mental health in hindi),घटनाओं और प्रक्रियाओं की व्याख्या करता है जिसमें विश्वास, क्रिया और सोच शामिल होती है, जो सभी भौतिक अवस्था, घटनाओं और प्रक्रियाओं से संबंधित होती है। क्योंकि शरीर भौतिक इकाई से जुड़ा होता है, जबकि मन गैर-भौतिक होता है। एक शांत मन और शरीर पाने के लिए, इंसान को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखना चाहिए।